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नवीन कार्य

नवीन जिन्दल यशस्वी छात्रवृत्ति योजना में आय सीमा 2.5 लाख रुपये हुई

सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी अब मिलेगा योजना का लाभ
कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए सांसद नवीन जिन्दल प्रतिबद्ध

कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के बच्चों के लिए शुरू की गई नवीन जिन्दल यशस्वी छात्रवृत्ति योजना का दायरा और बढ़ा दिया गया है। अब 2.5 लाख रुपये प्रतिवर्ष आय वाले परिवारों के बच्चे भी इस छात्रवृत्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को भी इस छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा।

नवीन जिन्दल यशस्वी छात्रवृत्ति योजना का लाभ 16 से 25 वर्ष आयु वर्ग के वे विद्यार्थी उठा सकते हैं, जिनके परिवार की वार्षिक आय 2,50,000 रूपये से कम है। पहले यह सीमा 1,80,000 रुपये थी। इसके अलावा सरकारी सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों के बच्चों को भी इस योजना के दायरे में लाया गया है, जो पहले केवल सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों तक सीमित थी। हालांकि यह शर्त अनिवार्य है कि आवेदक कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र का निवासी हो और उसने पिछली योग्यता परीक्षा में न्यूनतम 75% अंक प्राप्त किया हो।

यह छात्रवृत्ति 10वीं और 12वीं कक्षा बाद के शैक्षिक और व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए है, जिसमें पाठ्यक्रम फीस (जैसे ट्यूशन फीस, डेवलपमेंट फीस, सेमिनार फीस, पुस्तक व लिखने-पढ़ने संबंधी सामग्री की फीस) की आधी राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी जाएगी। इसमें निवास/छात्रावास संबंधी सुविधा शामिल नहीं है। इस छात्रवृत्ति के लिए नवीन जिन्दल फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट www.naveenjindalfoundation.com के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। नवीन जिन्दल फाउंडेशन के कुरुक्षेत्र कार्यालय में भी सीधे (ऑफलाइन) आवेदन किया जा सकता है। यह योजना लड़के-लड़कियों दोनों के लिए है।

कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र में शैक्षिक-सामाजिक उत्थान के इस संकल्प पर सांसद और नवीन जिन्दल फाउंडेशन के अध्यक्ष नवीन जिन्दल ने कहा :

नवीन जिन्दल यशस्वी योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से अक्षम परिवारों के बच्चों को शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाना है।

हम चाहते हैं कि उन्हें अपनी शिक्षा पूरी करने का अवसर मिले। शिक्षा समृद्ध समाज की बुनियाद है, और यह हमारी जिम्मेदारी है कि कोई भी विद्यार्थी धन की कमी के कारण शिक्षा व कौशल विकास की दृष्टि से पीछे न रह जाए